Sun. Sep 8th, 2024

MP : चार जिलों में 29 करोड़ रुपये का ‘सौभाग्य घोटाला’

जबलपुर। केंद्र सरकार की ‘सौभाग्य योजना’ के तहत घर-घर बिजली पहुंचाने के काम में कई जिलों में भ्रष्टाचार हुआ। बिजली कंपनी ने शिकायतों के आधार पर चार जिलों की जांच कराई तो 29 करोड़ रुपये से ज्यादा का घोटाला मिला। पूर्व क्षेत्र कंपनी को भौतिक जांच में इसके प्रमाण मिले। सबसे ज्यादा नुकसान मंडला और डिंडौरी जिले में हुआ। मंडला में जहां 15 करोड़ रुपये तो डिंडौरी जिले में 8.40 करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार मिला है। इसके अलावा सीधी और सिंगरौली में इस योजना पर करोड़ों रुपये का खेल हुआ है। कंपनी ने फिलहाल सिंगरौली छोड़कर शेष 44 अफसरों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी है। अक्टूबर तक कंपनी तय करेगी कि 29 करोड़ रुपये के नुकसान की भरपाई किससे की जाएगी।
योजना में विशेष रूप से गरीब लोगों को बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित करनी थी। 2017 में केंद्र सरकार ने राज्यों को इस काम की जिम्मेदारी दी। जिन लोगों के नाम साल 2011 की सामाजिक-आर्थिक जनगणना में था, उन्हें मुफ्त बिजली कनेक्शन। जिनका नाम सामाजिक आर्थिक जनगणना में नहीं हैं, उन्हें 500 रुपये के शुल्क पर कनेक्शन दिया जाना था। सरकार ने दिसंबर 2018 हर घर रोशन करने का लक्ष्य रखा था।
पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को मिली जांच रिपोर्ट में 6 करोड़ की वित्तीय अनियमितता और 9 करोड़ रुपये का बिना काम कराए अतिरिक्त भुगतान किया। कुल 15 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ। इसमें 18 अधिकारी-कर्मचारियों को 9 महीने पहले ही आरोप-पत्र दिए जा चुके हैं।
8.40 करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार सौभाग्य योजना में सामने आया है। कुल 24 हजार कनेक्शन में 11 हजार कनेक्शन की जांच भौतिक रूप से हुई है। शेष जांच की जा रही है। इसमें तत्तकालीन अधीक्षण यंत्री टीके मिश्रा समेत 9 अफसर जांच के दायरे में है। 2 करोड़ से ज्यादा का घोटाला अभी तक जांच में सामने आया। इसमें 659 प्रोजेक्ट में सिर्फ 218 की जांच में ही यह गड़बड़ी उजागर हुई है। इसमें भी 18 अफसरों के खिलाफ आरोप पत्र फरवरी 2020 में जारी किया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *